आज के समय में ज्यादातर लोग पेट से जुड़ी समस्याओं से परेशान रहते हैं। तेज़-तर्रार जीवनशैली, गलत खानपान और व्यस्त दिनचर्या के कारण गैस, कब्ज़ और एसिडिटी आम हो गई है। डॉक्टर दवाइयाँ लेने की सलाह देते हैं, लेकिन दवाओं से सिर्फ थोड़े समय के लिए आराम मिलता है। अगर आप भी ऐसी दिक्कतों से परेशान हैं और एक प्राकृतिक व आसान उपाय ढूँढ रहे हैं तो वज्रासन आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
वज्रासन क्या है?
योग की भाषा में “वज्र” का मतलब होता है हीरा या बिजली की तरह मजबूत। इस आसन में बैठने से शरीर को भीतर से मज़बूती मिलती है, इसलिए इसे वज्रासन या डायमंड पोज़ कहा जाता है। खास बात यह है कि यह एकमात्र ऐसा योगासन है जिसे आप खाने के बाद भी आराम से कर सकते हैं। यही वजह है कि इसे “खाने के बाद बैठने का सबसे अच्छा आसन” माना जाता है।
वज्रासन करने का तरीका
अगर आप योग में बिल्कुल नए भी हैं, तो वज्रासन करना बेहद आसान है। बस इन स्टेप्स को फॉलो करें –
1. सबसे पहले योगा मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं।
2. दोनों पैरों की एड़ियों पर धीरे-धीरे बैठें और पंजों को पीछे की ओर फैला दें।
3. घुटनों को पास-पास रखें और हाथों को घुटनों पर टिकाएं।
4. अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और आंखें बंद कर लें।
5. सामान्य गति से गहरी सांस लें और छोड़ें।
6. शुरुआत में 5 मिनट तक करें, फिर धीरे-धीरे 15–20 मिनट तक बढ़ा सकते हैं।
वज्रासन करने के फायदे
👉 पाचन शक्ति बढ़ाए
खाने के बाद वज्रासन में बैठने से भोजन आसानी से पचता है। पेट भारी महसूस नहीं होता और कब्ज़ या गैस की समस्या कम होती है।
👉 एसिडिटी और गैस से राहत
जिन लोगों को बार-बार पेट में जलन, एसिडिटी या डकारों की समस्या रहती है, उनके लिए यह आसन बेहद लाभकारी है।
👉 वजन घटाने में मददगार
रोज़ाना वज्रासन करने से पेट और जांघों पर जमा चर्बी धीरे-धीरे कम होती है।
👉 कमर और रीढ़ के लिए फायदेमंद
रीढ़ की हड्डी सीधी रखने से कमर दर्द और पीठ दर्द की समस्या से राहत मिलती है।
👉 मानसिक शांति देता है
आंखें बंद करके गहरी सांस लेने से मन शांत होता है और तनाव घटता है। यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी है।
👉 डायबिटीज़ और ब्लड प्रेशर कंट्रोल
नियमित अभ्यास से ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर संतुलित रखने में भी मदद मिलती है।
वज्रासन करने का सही समय
खाने के बाद: खाना खाने के 5 मिनट बाद वज्रासन में बैठना सबसे अच्छा है।
सुबह या शाम: आप इसे किसी भी समय कर सकते हैं, लेकिन सुबह का समय और भी लाभकारी माना जाता है।
शुरुआत में 5–10 मिनट और धीरे-धीरे 20 मिनट तक का अभ्यास पर्याप्त है।
किन्हें सावधानी बरतनी चाहिए?
★जिन लोगों को घुटनों में गंभीर दर्द या चोट हो, वे लंबे समय तक इस आसन में न बैठें।
★जिनको स्लिप डिस्क या गंभीर पीठ दर्द की समस्या है, वे डॉक्टर की सलाह के बिना न करें।
★अगर शुरुआत में पैरों में हल्का दर्द या झनझनाहट महसूस हो तो घबराएं नहीं, यह सामान्य है। धीरे-धीरे शरीर इस आसन का आदी हो जाएगा।
छोटे-छोटे टिप्स
★वज्रासन करते समय सांस पर ध्यान दें, यह आसन और भी प्रभावी हो जाएगा।
★शुरुआत में मैट या मुलायम जगह पर बैठें ताकि एड़ियों और घुटनों पर दबाव कम पड़े।
★इसे ध्यान, प्राणायाम या मंत्र जाप के साथ भी किया जा सकता है।
निष्कर्ष
वज्रासन देखने में जितना आसान है, उतना ही असरदार भी है। यह सिर्फ पाचन तंत्र को दुरुस्त करने के लिए ही नहीं, बल्कि मानसिक शांति और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी बेहद उपयोगी है। खाने के बाद 10 मिनट वज्रासन में बैठने की आदत डाल लें। धीरे-धीरे आप देखेंगे कि एसिडिटी, गैस और कब्ज़ जैसी समस्याएँ कम होने लगी हैं और आप पूरे दिन हल्का और ऊर्जावान महसूस कर रहे हैं।
तो क्यों न आज से ही वज्रासन को अपनी रोज़मर्रा की दिनचर्या का हिस्सा बना लिया जाए?
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