भारतीय थाली में घी सिर्फ स्वाद बढ़ाने के लिए नहीं डाला जाता, बल्कि यह सेहत का खजाना भी माना जाता है। यही कारण है कि इसे आयुर्वेद में “अमृत समान” बताया गया है। लेकिन आज के समय में बाजार में ढेरों ब्रांड और तरह-तरह के घी उपलब्ध हैं, ऐसे में असली और शुद्ध घी की पहचान करना आसान नहीं रह गया है।
अगर आप सच में जानना चाहते हैं कि आपके लिए सबसे अच्छा घी कौन सा है, तो ब्रांडिंग और पैकिंग के बजाय आयुर्वेद में बताए गए दो मूल संकेतों पर ध्यान दें। यही दो बातें आपको सही और नकली घी में फर्क समझने में मदद करेंगी।
1. रंग और सुगंध – प्रकृति का पहला पैमाना
आयुर्वेद कहता है कि शुद्ध देसी घी का रंग हमेशा हल्का सुनहरा पीला होता है। यह रंग गाय के दूध में पाए जाने वाले प्राकृतिक बीटा-कैरोटीन से आता है। अगर घी का रंग बहुत ज्यादा चमकीला पीला है, तो संभव है कि उसमें कृत्रिम रंग मिलाया गया हो। अगर यह पूरी तरह सफेद है, तो यह या तो भैंस के दूध का बना है या फिर शुद्ध नहीं है।
सुगंध की पहचान:
शुद्ध घी से हमेशा एक हल्की मीठी और सुकून देने वाली खुशबू आती है। यह खुशबू भूख बढ़ाने वाली होती है, न कि खट्टी, तीखी या बिल्कुल फीकी। पहचानने का आसान तरीका है – अपनी उंगली पर थोड़ा सा घी लगाकर रगड़ें और सूंघें। असली घी की खुशबू तुरंत महसूस होगी।
2. बनावट और हाथ पर पिघलना – शुद्धता की असली कसौटी
घी की शुद्धता जांचने का सबसे आसान तरीका है उसकी बनावट और पिघलने की क्षमता। असली घी की बनावट हमेशा दानेदार (ग्रेन्युलर) और मुलायम होती है, बिल्कुल मोम जैसी। एक चम्मच घी लेकर उसे अपनी हथेली पर रखें। अगर घी शरीर की गर्मी से तुरंत पिघल जाए और हल्का चिकनापन छोड़े, तो यह शुद्ध है। नकली या मिलावटी घी हाथ पर चिपचिपा रहेगा, गांठ बनाएगा या देर से पिघलेगा।
सर्दियों में ध्यान दें:
ठंड में शुद्ध घी जम जरूर जाता है और उसका रंग थोड़ा हल्का भी दिख सकता है, लेकिन हथेली पर रखते ही वह आसानी से पिघल जाना चाहिए।
निष्कर्ष– सबसे अच्छा घी वही, जो शुद्ध और देसी हो
आयुर्वेद के अनुसार, सबसे अच्छा घी वह है जो देसी गाय के दूध से बना हो, बिना मिलावट का हो और प्राकृतिक गुणों से भरपूर हो। ब्रांड चाहे कोई भी हो, अगर उसमें यह दोनों संकेत (रंग-सुगंध और बनावट-पिघलना) मौजूद हैं, तो निश्चिंत होकर उसे अपनाएं।
याद रखिए, रोजाना एक चम्मच शुद्ध घी न सिर्फ आपके भोजन को स्वादिष्ट बनाता है, बल्कि यह पाचन को मजबूत करता है, इम्युनिटी बढ़ाता है और शरीर को भीतर से पोषण देता है। यही कारण है कि आयुर्वेद ने घी को सदियों से जीवन का जरूरी हिस्सा माना है।
👉 तो अगली बार जब भी बाजार से घी खरीदें, पैकिंग या विज्ञापन देखने के बजाय इन दो आयुर्वेदिक सूत्रों को याद रखें। यही आपको सबसे अच्छा और असली घी चुनने में मदद करेंगे।


0 टिप्पणियाँ