मुंह की बदबू दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय – आचार्य बालकृष्ण के नुस्खे

मुंह की बदबू से हैं परेशान? आचार्य बालकृष्ण के बताए ये आयुर्वेदिक उपाय दिलाएंगे छुटकारा

मुंह की बदबू यानी हैलिटोसिस एक ऐसी समस्या है जिससे लाखों लोग जूझते हैं। अक्सर लोग इसे मामूली समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह न सिर्फ आत्मविश्वास को कमजोर करती है बल्कि यह हमारे पाचन तंत्र और मौखिक स्वास्थ्य से जुड़े गहरे कारणों का संकेत भी हो सकती है। आयुर्वेद के अनुसार, बदबू का मुख्य कारण है पित्त दोष का असंतुलन और शरीर में जमा हुआ अमा (विषैले तत्व)। प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य बालकृष्ण जी बताते हैं कि यदि हम कुछ प्राकृतिक उपायों को नियमित रूप से अपनाएं, तो इस समस्या से पूरी तरह छुटकारा पाया जा सकता है।

1. त्रिफला का कुल्ला: प्राकृतिक माउथवॉश
त्रिफला (हरड़, बहेड़ा और आंवला) आयुर्वेद का अमृत माना जाता है। यह न केवल पाचन को दुरुस्त करता है बल्कि मुंह के बैक्टीरिया को भी खत्म करता है। रात को एक चम्मच त्रिफला चूर्ण एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह इस पानी को छानकर उससे कुल्ला करें। इससे सांसों की दुर्गंध कम होगी और पाचन भी मजबूत होगा।

2. सोंठ और मिश्री का मिश्रण
अदरक से बनी सोंठ और मिश्री दोनों ही पाचन अग्नि को तेज करने में मदद करते हैं। इनका पाउडर बनाकर रोजाना एक चुटकी लें। यह न केवल मुंह को ताजा रखेगा बल्कि पाचन संबंधी समस्याओं को भी दूर करेगा, जो अक्सर बदबू का मुख्य कारण होती हैं।

3. एलोवेरा जूस का सेवन
एलोवेरा अपने डिटॉक्सिफाइंग गुणों के लिए जाना जाता है। रोजाना सुबह खाली पेट एक छोटा गिलास शुद्ध एलोवेरा जूस पीने से शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं। पेट साफ रहेगा तो मुंह की बदबू अपने आप दूर हो जाएगी।


4. लौंग और सौंफ: तुरंत असरदार नुस्खा
लौंग में मौजूद एंटीबैक्टीरियल तत्व और सौंफ की ताजगी दोनों मिलकर मुंह की बदबू तुरंत कम कर देते हैं। भोजन के बाद एक लौंग चबाना या एक चुटकी सौंफ खाना, न सिर्फ सांसों को सुगंधित बनाता है बल्कि पाचन को भी बेहतर करता है।

5. तेल खींचने की क्रिया (ऑयल पुलिंग)
यह प्राचीन आयुर्वेदिक पद्धति आज भी उतनी ही प्रभावी है। सुबह खाली पेट एक चम्मच तिल का तेल या नारियल तेल 10-15 मिनट तक मुंह में घुमाएं और फिर थूक दें। इससे बैक्टीरिया बाहर निकलते हैं, मसूड़े मजबूत होते हैं और सांसों की बदबू खत्म होती है।

अतिरिक्त सावधानियां
आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, इन उपायों के साथ रोजाना दो बार ब्रश करना, जीभ साफ करना और पर्याप्त पानी पीना भी बेहद जरूरी है। मसालेदार और तैलीय भोजन को सीमित करें, क्योंकि यह पाचन को बिगाड़कर बदबू बढ़ा सकता है। यदि इन उपायों के बाद भी समस्या बनी रहती है, तो किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेना सही रहेगा।

निष्कर्ष– मुंह की बदबू कोई छोटी समस्या नहीं है। यह आपके सामाजिक जीवन और आत्मविश्वास दोनों को प्रभावित करती है। आयुर्वेद के सरल और प्राकृतिक उपाय, जैसे त्रिफला, सोंठ-मिश्री, एलोवेरा जूस, लौंग-सौंफ और तेल खींचना, न केवल बदबू को जड़ से मिटाते हैं बल्कि समग्र स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाते हैं। इन आदतों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और हमेशा पाएं ताजी, सुगंधित सांसें।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ